सोमवार, 4 जुलाई 2016

Hum Hi Mein Thi Na Koi Baat

Hum Hi Mein Thee Na Koi Baat, Yaad Hi Na Tumko Aa Sake
Tumnay Hamein Bhula Diya Hum Na Tumhe Bhula Sake

Tum Hi Na Sun Sake Agar Kissa-e-gham Sunega Kaun
Kis Ki Zubaan Khulegi Phir Hum Na Agar Suna Sake

Shauk-e-visaal Hain Yahan Lab Pe Sawaal Hai Yahan
Kis Ki Majaal Hai Yahan Hum Se Nazar Mila Sake
Album: FAVORITS
Singers: Jagjit Singh
Poet: Hafiz Jalandhari
हम ही में थी न कोई बात, याद न तुम को आ सके
तुमने हमें भुला दिया, हम न तुम्हें भुला सके

तुम ही न सुन सके अगर, क़िस्सा-ए-ग़म सुनेगा कौन
किस की ज़ुबाँ खुलेगी फिर, हम न अगर सुना सके

होश में आ चुके थे हम, जोश में आ चुके थे हम
बज़्म का रंग देख कर सर न मगर उठा सके

शौक़-ए-विसाल है यहाँ, लब पे सवाल है यहाँ
किस की मजाल है यहाँ, हम से नज़र मिला सके

रौनक़-ए-बज़्म बन गए लब पे हिकायतें रहीं
दिल में शिकायतेन रहीं लब न मगर हिला सके

ऐसा भी कोई नामाबर बात पे कान धर सके
सुन कर यकीन कर सके जा के उंहें सुना सके

अहल-ए-ज़बाँ तो हैं बहुत कोई नहीं है अहल-ए-दिल
कौन तेरी तरह 'हफ़ीज़' दर्द के गीत गा सके
एल्बम: फेवरिट्स
गायक: जगजीत सिंह
शायर: हफ़ीज़ जालंधरी
Watch/Listen on youtube:
By- Jagjit Singh and Chitra Singh
By- Jagjit Singh (SOLO)
By- Mehadi Hassan
By- Shilpa Raj
Pictorial Presentation:

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